Top 5 SEO Factors in Hindi-2020

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Google हर समय अपने Search  Engine के Algorithm को update करता रहता है और SEO Factors हमेशा बदलते रहते हैं। गूगल में टॉप रैंक पाने के लिए site optimization करने के 2018 में कुछ और factors थे, 2019 में कुछ और है और 2020 में कुछ और होंगे। इस पोस्ट में हम आपको 2019 के टॉप 5 सबसे ज्यादा जरूरी SEO Factors के बारे में बता रह है। Top 5 SEO Factors of 2019 in Hindi.

top 5 seo

आपने बहुत सारे SEO optimization tips के बारे में पढ़ा और सुना होगा। लेकिन अगर बात हो टॉप और सबसे ज्यादा जरूरी SEO Optimizing तरीकों की तो इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

गूगल में अच्छी रैंक पाने के लिए लिंक और कंटेंट सामग्री सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कुछ और भी जरूरी चीजें हैं जिनके बारे में हमें पता होना चाहिए।
जैसे कि अगर आपकी वेबसाइट धीमी लोड होती है तो ब्लॉग पर बढ़िया कंटेंट होने पर भी रैंक नहीं कर पाएगा। इसलिए सभी top SEO factors का पालन करना जरूरी है।

अनुक्रम

Top 5 सबसे ज्यादा जरूरी SEO Factors in Hindi

यहां 5 on-site SEO कारक बताये गये है जो आपको अपनी वेबसाइट को डिजाइन और audit करते समय ध्यान में रखने चाहिए।

1. Content

Content quality सबसे ज्यादा जरूरी है गूगल में टॉप रैंक पाने के लिए। आपको उपयोगकर्ता की मदद के इरादे से कंटेंट लिखना चाहिए ना कि सर्च इंजन के लिए।

गूगल कंटेंट को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास कर रहा है और पिछले कुछ समय से google algorithms में जितने भी बदलाव किए गए हैं सबमें कंटेंट को टॉप में रखा गया है।

गूगल कहता है कि उपयोगकर्ताUser  के लिए लिखी गई सामग्री सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि गूगल अपने उपयोगकर्ताओं(Users) को स्वच्छ और अच्छी से अच्छी जानकारी देना चाहता हैं।

अपने विषय में मास्टर बने और 2,000 से ज्यादा शब्दों वाली पोस्ट लिखें। इसमें सब कुछ डिटेल से बताया गया हो। तभी यह फायदेमंद होगा।

SEO Optimize कैसे करें?

कीवर्ड रिसर्च करने के लिए सबसे ऊपर आने वाले पेज और websites को देखें परखें और उनकी सामग्री का विश्लेषण करें।
अपने कंटेंट को बेहतर बनाने के लिए उसके हर एक पहलू को अच्छे से explain करें।

आपकी पोस्ट में उसके topic से related सभी सवालों के जवाब होने चाहिए।
Title tag, URL slug और page title में focus keyword add करें।
संबंधित कीवर्ड का उपयोग करके header section (H2, H3, H4 etc.) बनाएं।
Content is king, आपको ये समझ लेना चाहिये और सबसे ज्यादा कोशिश बेहतर से बेहतर content लिखने में की जानी चाहिये।

2. User Engagement

हम लोगों के लिए और सर्च इंजन दोनों के लिए वेबसाइट डिजाइन करते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी वेबसाइट का डिजाइन सभी उपयोगकर्ताओं को पसंद आए और ज्यादा से ज्यादा visitors हमारी साइट पर आकर्षित हो सकें।

आपकी वेबसाइट पर बिताया(browsing time) गया समय गूगल के लिए एक अच्छा रैंकिंग फैक्टर होता है।
भले ही उपयोगकर्ता आपकी साइट पर कंटेंट को पढ़ने के लिए रहे या फिर आपकी साईट का डिजाईन पसंद आने की वजह से, दोनों ही सूरतो में आपका ही फायदा होगा।

मतलब साफ है हमारी साइट पर हम जितना ज्यादा ट्रैफिक बनाने में कामयाब होंगे और जितने ज्यादा लोगों को attract कर सकेंगे। उतनी ही ज्यादा हमारी साइट की रैंकिंग बढ़ेगी।

इसके लिए आप अपने ब्लॉग पर user friendly navigation items, internal links, recent posts, popular posts, related post etc. widget का इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. Technical Structure

हमें यह विचार करने की आवश्यकता है कि हमारी technical structure user engagement और हमारी keyword ranking कैसे प्रभावित कर रही है।

Technical SEO को SEO की नींव माना जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी वेबसाइट crawl & index करने के योग्य और search engine friendly है या नहीं।

हम XML sitemap का इस्तेमाल करके सर्च इंजन की हमारी site all pages को index करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही अपनी वेबसाइट और उसके साइटमैप को गूगल के सर्च काउंसिल और बिंग के वेबमास्टर टूल में सबमिटsubmit कर सकते हैं।

Robots.txt file का इस्तेमाल करके हम उन सभी पेजों को ब्लॉक कर सकते हैं जिन्हें हम सर्च इंजन में इंडेक्स कराना नहीं चाहते हैं।

अपनी साइट को लेनदेन के लिए सुरक्षित बनाने के लिए HTTPS enable करना भी बहुत मूल्यवान है। साइट रैंकिंग improve करने के लिए एक और रैंकिंग फैक्टर है।

Clean URL का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी साइट और सर्वर को optimize कर वेबसाइट को फास्ट लोडिंग बना सकते हैं।

4. Interlinking

इंटरलिंकिंग कई एसईओ दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। जैसे:-
Crawling
Content
UX and IA
Link Building
अगर टेक्निकली SEO वेबसाइट की नींव है तो आंतरिक लिंक Internal Links दरवाजे है। जो बिल्कुल एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने की तरह एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट पर जाने की अनुमति देते हैं।

वेबसाइट के bounce rate को कम करने का यह बहुत अच्छा तरीका है और साथ ही इससे आपके पाठको को भी कंटेंट पढ़ने में आसानी होती है।

लेकिन आप किसी भी पोस्ट में किसी भी पोस्ट का लिंक एड नहीं कर सकते। इसके लिए आपको सिर्फ जरूरी और relevant links को ही शामिल करना चाहिए।

ये उपयोगकर्ताओं को आपकी साइट पर एक से दूसरे पेज पर जाने के लिए आसानी प्रदान करता है। इससे उपयोगकर्ता समान विषय के कई सारे पोस्ट पढ़ सकता है।

5. Mobile Responsivity

Mobile first-index अब गूगल के टॉप रैंकिंग फैक्टर्स में से एक है। यह बिल्कुल महत्वपूर्ण है क्योंकि डेस्कटॉप से ज्यादा यूजर इंटरनेट चलाने के लिए अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं।

मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट को डिजाइन करते समय mobile device sizes ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। आपकी साइट सभी डिवाइस में अच्छे से ओपन होनी चाहिए।

साथ ही आप मोबाइल उपयोगकर्ताओं के सर्फिंग अनुभव को आसान बना सकते हैं। इसके लिए आप auto load pagination, auto load next post जैसे features का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाने के साथ-साथ आप Google AMP का इस्तेमाल करके साइट को फास्ट लोडिंग बनाएं।

Note

Agar Appko hamari ye post Pasand Aayi to Comment Box mai Comment kr ke Mujhe Jarur  btaye or Appka koi Doubt yaa Question ho to Comment kr skte hai.

मैं Digital GuruJi (digitalgurujie.com) ब्लॉग का संस्थापक और एक Professional Blogger और Digital Marketer हूं। यहाँ पर मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए SEO, Technology, Internet से जुड़ी जानकारी शेयर करता रहता हु।

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